झूठी गवाही मांगेगा, सच को हकलाना पड़ेगा! तुम बहुत सच बोलते हो, तुम्हें पछताना पड़ेगा…!
पता है लाश पानी पर क्यों तैरती है? क्योंकि डूबने के लिए ज़िंदगी चाहिए.|
हर बार इल्जाम हम पर ही लगाना ठीक नहीं, वफ़ा खुद से नहीं होती और खफा हम पर होते हो.|
आज मूड ऑफ है दुनिया ब्लैक एंड वाइट लग रही है बिना गलती के.|
मौसम की तरह मेरा मूड बदल रहा है, पता नहीं यह जिंदगी में क्या चल रहा है।
प्यार से, दिलदार से, वफा से चोट लगती है! साहब मैं नाजुक फूल हूं, मुझे हवा से चोट लगती है!
तेरे चोंचले देखकर तंग आ गया हूँ जिंदगी या तो यह चोंचले छोड़ दे या फिर हमें छोड़ दे।
एक दिन वक्त भी साथ बैठकर रोया मेरे, कहने लगा तू तो ठीक है बस मैं ही खराब हूं।